ITR फॉर्म के प्रकार: कैसे चुनें सही फॉर्म?
आयकर रिटर्न (ITR) भरना हर करदाता के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। लेकिन कई बार हमें यह समझ में नहीं आता कि किस ITR फॉर्म का उपयोग करना चाहिए। इस लेख में हम ITR फॉर्म के विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप सही फॉर्म चुन सकें और सही तरीके से अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकें।
ITR-1 (सहज)
ITR-1 फॉर्म का उपयोग वेतनभोगी व्यक्तियों, पेंशन प्राप्तकर्ताओं, और घर के संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। यह फॉर्म सबसे सरल और सीधे फॉर्मों में से एक है। इसका उपयोग केवल उन्हीं व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख तक हो।
ITR-1 फॉर्म, जिसे 'सहज' भी कहा जाता है, का उपयोग उन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जिनकी आय के स्रोत सीमित और सरल होते हैं। यह फॉर्म विशेष रूप से उन वेतनभोगी व्यक्तियों, पेंशन प्राप्तकर्ताओं, और घर की संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के लिए बनाया गया है।
ITR-1 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-1 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है:
- वेतनभोगी व्यक्ति: जो केवल नौकरी से आय प्राप्त करते हैं।
- पेंशन प्राप्तकर्ता: जो पेंशन से आय प्राप्त करते हैं।
- घर की संपत्ति से आय: यदि व्यक्ति के पास केवल एक ही घर की संपत्ति है और उससे किराया प्राप्त होता है।
- अन्य स्रोतों से आय: जैसे कि ब्याज आय, डिविडेंड, आदि।
ITR-1 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-1 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा सकता:
- व्यवसाय या पेशे से आय: यदि किसी की आय व्यवसाय या पेशे से होती है।
- एक से अधिक घर की संपत्ति: यदि किसी के पास एक से अधिक घर की संपत्ति से आय है।
- पूंजीगत लाभ: यदि किसी की आय पूंजीगत लाभ से होती है।
- विदेशी आय या संपत्ति: यदि किसी के पास विदेशी आय या संपत्ति है।
- कृषि आय: यदि कृषि आय ₹5,000 से अधिक है।
ITR-1 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- कुल वार्षिक आय: यह फॉर्म केवल उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख तक होती है।
- निवेश और कटौतियां: धारा 80C से 80U तक के तहत विभिन्न कटौतियों का दावा इस फॉर्म में किया जा सकता है।
- सरल और सीधा: यह फॉर्म सबसे सरल और सीधे फॉर्मों में से एक है, जो भरने में आसान होता है।
ITR-2
ITR-2 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए है जिनकी आय वेतन, पेंशन, एक से अधिक घर की संपत्ति, या अन्य स्रोतों से होती है, लेकिन वे व्यापार या पेशे से आय नहीं कमाते। इसमें पूंजीगत लाभ या हानि की रिपोर्ट भी की जा सकती है।
ITR-2 फॉर्म का उपयोग उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUFs) द्वारा किया जाता है जिनकी आय विभिन्न स्रोतों से होती है, लेकिन वे व्यापार या पेशे से आय नहीं कमाते। यह फॉर्म उन करदाताओं के लिए उपयुक्त है जिनकी आय अधिक जटिल है और जो पूंजीगत लाभ या हानि की रिपोर्टिंग करते हैं।
ITR-2 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-2 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है:
- वेतनभोगी व्यक्ति: जिनकी आय वेतन से होती है।
- पेंशन प्राप्तकर्ता: जो पेंशन से आय प्राप्त करते हैं।
- घर की संपत्ति से आय: यदि किसी के पास एक से अधिक घर की संपत्ति है और वह किराया प्राप्त करता है।
- अन्य स्रोतों से आय: जैसे कि ब्याज आय, डिविडेंड, आदि।
- पूंजीगत लाभ: जो व्यक्ति स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड्स, या अन्य संपत्तियों की बिक्री से पूंजीगत लाभ कमाते हैं।
- विदेशी आय और संपत्ति: यदि किसी के पास विदेशी आय या संपत्ति है।
- कृषि आय: यदि कृषि आय ₹5,000 से अधिक है।
ITR-2 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-2 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा सकता:
- व्यवसाय या पेशे से आय: यदि किसी की आय व्यापार या पेशे से होती है, तो वह इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकता।
ITR-2 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- विस्तृत आय विवरण: ITR-2 फॉर्म में आय के विभिन्न स्रोतों का विस्तृत विवरण होता है, जिसमें वेतन, पेंशन, घर की संपत्ति, पूंजीगत लाभ, और अन्य स्रोतों से आय शामिल है।
- विदेशी आय और संपत्ति: यह फॉर्म विदेशी आय और संपत्तियों की रिपोर्टिंग के लिए उपयुक्त है।
- कृषि आय: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए भी है जिनकी कृषि आय ₹5,000 से अधिक है।
- निवेश और कटौतियां: धारा 80C से 80U तक के तहत विभिन्न कटौतियों का दावा इस फॉर्म में किया जा सकता है।
- अन्य विशेषताएं: इसमें विभिन्न प्रकार के निवेश, लाभ, और हानियों का भी विवरण शामिल किया जा सकता है।
ITR-3
ITR-3 फॉर्म का उपयोग उन व्यक्तियों और HUFs द्वारा किया जाता है जो किसी व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित करते हैं। यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जो साझेदारी फर्म के पार्टनर भी हो सकते हैं और जिन्हें लाभांश, ब्याज, या अन्य स्रोतों से आय होती है।
ITR-3 फॉर्म का उपयोग उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUFs) द्वारा किया जाता है जो किसी व्यवसाय या पेशे से आय अर्जित करते हैं। यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जो साझेदारी फर्म के पार्टनर भी हो सकते हैं और जिन्हें लाभांश, ब्याज, या अन्य स्रोतों से आय होती है।
ITR-3 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-3 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों और HUFs द्वारा किया जा सकता है:
- व्यवसाय से आय: जो व्यक्ति या HUF किसी व्यवसाय से आय अर्जित करते हैं।
- पेशे से आय: जो व्यक्ति किसी पेशे, जैसे डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, इंजीनियर, आदि से आय अर्जित करते हैं।
- साझेदारी फर्म के पार्टनर: जो व्यक्ति किसी साझेदारी फर्म के पार्टनर हैं और उन्हें फर्म से लाभांश, ब्याज, या अन्य स्रोतों से आय होती है।
- अन्य स्रोतों से आय: जैसे कि लाभांश, ब्याज, किराया, आदि।
ITR-3 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-3 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा सकता:
- वेतनभोगी व्यक्ति: जो केवल वेतन या पेंशन से आय प्राप्त करते हैं और जिनके पास व्यवसाय या पेशे से आय नहीं है।
- पूंजीगत लाभ की आय: हालांकि यह फॉर्म पूंजीगत लाभ की आय को समायोजित कर सकता है, यदि यह प्रमुख स्रोत नहीं है।
ITR-3 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- व्यवसाय और पेशे की आय: यह फॉर्म विशेष रूप से व्यवसाय और पेशे से आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों के लिए है।
- साझेदारी फर्म से आय: इसमें साझेदारी फर्म के पार्टनरों की आय का भी विवरण होता है।
- अन्य स्रोतों से आय: यह फॉर्म अन्य स्रोतों से आय, जैसे लाभांश, ब्याज, किराया, आदि की रिपोर्टिंग भी करता है।
- निवेश और कटौतियां: धारा 80C से 80U तक के तहत विभिन्न कटौतियों का दावा इस फॉर्म में किया जा सकता है।
- विस्तृत वित्तीय विवरण: इसमें व्यवसाय या पेशे से संबंधित आय और व्यय का विस्तृत विवरण शामिल किया जा सकता है।
ITR-4 (सुगम)
ITR-4 फॉर्म का उपयोग छोटे व्यापारियों, पेशेवरों और अन्य व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो प्रकल्पित आय योजना के तहत आय अर्जित करते हैं। इसका उपयोग वेतन, पेंशन, एक से अधिक घर की संपत्ति, या अन्य स्रोतों से आय प्राप्त करने वाले व्यक्तियों द्वारा भी किया जा सकता है। इस फॉर्म का उपयोग केवल उन्हीं व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है जिनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख तक हो।
ITR-4 फॉर्म, जिसे 'सुगम' भी कहा जाता है, का उपयोग छोटे व्यापारियों, पेशेवरों और अन्य व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो प्रकल्पित आय योजना (Presumptive Income Scheme) के तहत आय अर्जित करते हैं। यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए भी है जिनकी आय वेतन, पेंशन, एक से अधिक घर की संपत्ति, या अन्य स्रोतों से होती है, लेकिन उनकी कुल वार्षिक आय ₹50 लाख तक हो।
ITR-4 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-4 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा किया जा सकता है:
- छोटे व्यापारी: जो छोटे व्यापार से आय अर्जित करते हैं और प्रकल्पित आय योजना के तहत आते हैं।
- पेशेवर: जैसे डॉक्टर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट, आदि जो पेशेवर सेवाएं प्रदान करते हैं।
- वेतनभोगी व्यक्ति: जिनकी आय वेतन से होती है।
- पेंशन प्राप्तकर्ता: जो पेंशन से आय प्राप्त करते हैं।
- घर की संपत्ति से आय: यदि किसी के पास एक से अधिक घर की संपत्ति है और वह किराया प्राप्त करता है।
- अन्य स्रोतों से आय: जैसे कि ब्याज आय, डिविडेंड, आदि।
ITR-4 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-4 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा सकता:
- व्यवसाय से आय: यदि किसी की आय प्रकल्पित आय योजना के तहत नहीं आती है।
- विदेशी आय और संपत्ति: यदि किसी के पास विदेशी आय या संपत्ति है।
- कृषि आय: यदि कृषि आय ₹5,000 से अधिक है।
ITR-4 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- प्रकल्पित आय योजना: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो प्रकल्पित आय योजना के तहत आते हैं, जिसमें व्यवसाय से आय का एक निश्चित प्रतिशत मानकर कर लगाया जाता है।
- वेतन और पेंशन: इसमें वेतन और पेंशन से आय का विवरण भी शामिल किया जा सकता है।
- घर की संपत्ति से आय: इसमें एक से अधिक घर की संपत्ति से प्राप्त आय का विवरण भी शामिल किया जा सकता है।
- अन्य स्रोतों से आय: ब्याज, डिविडेंड, और अन्य स्रोतों से प्राप्त आय का विवरण भी इस फॉर्म में शामिल किया जा सकता है।
- सरल और सुगम: यह फॉर्म छोटे व्यापारियों और पेशेवरों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है ताकि वे आसानी से अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकें।
ITR-5
ITR-5 फॉर्म का उपयोग साझेदारी फर्म, LLPs, AOPs, BOIs, और अन्य जैसे विभिन्न संगठनों द्वारा किया जाता है जो किसी अन्य श्रेणी में नहीं आते। इस फॉर्म में व्यापार और पेशे से संबंधित आय और व्यय की रिपोर्टिंग होती है।
ITR-5 फॉर्म का उपयोग साझेदारी फर्म, LLPs (Limited Liability Partnerships), AOPs (Association of Persons), BOIs (Body of Individuals), और अन्य विभिन्न संगठनों द्वारा किया जाता है जो किसी अन्य श्रेणी में नहीं आते। यह फॉर्म व्यापार और पेशे से संबंधित आय और व्यय की रिपोर्टिंग के लिए उपयोगी है।
ITR-5 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-5 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है:
- साझेदारी फर्म (Partnership Firms): जो साझेदारी के तहत संचालित होती हैं।
- लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs): जो LLP एक्ट के तहत पंजीकृत हैं।
- व्यक्तियों का संघ (AOPs): जो एक साथ मिलकर आय अर्जित करते हैं।
- व्यक्तियों का निकाय (BOIs): जो एक विशेष उद्देश्य के लिए संगठित होते हैं।
- स्थानीय प्राधिकरण (Local Authorities): जिनकी आय को कर योग्य माना जाता है।
- व्यवसाय ट्रस्ट (Business Trusts): जो व्यवसाय ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत हैं।
- अन्य संस्थाएं: जो किसी अन्य श्रेणी में नहीं आतीं।
ITR-5 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-5 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं द्वारा नहीं किया जा सकता:
- व्यक्तिगत करदाता: जिनकी आय वेतन, पेंशन, या व्यक्तिगत व्यवसाय से होती है।
- हिन्दू अविभाजित परिवार (HUFs): जो ITR-2 या ITR-3 का उपयोग करते हैं।
- कंपनियां: जिनके लिए ITR-6 फॉर्म है।
ITR-5 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- विस्तृत वित्तीय विवरण: यह फॉर्म व्यापार और पेशे से संबंधित आय और व्यय का विस्तृत विवरण शामिल करता है।
- साझेदारी और LLP की आय: इसमें साझेदारी फर्म और LLPs की आय और लाभ का विवरण होता है।
- अन्य स्रोतों से आय: यह फॉर्म अन्य स्रोतों से आय, जैसे ब्याज, लाभांश, किराया आदि की रिपोर्टिंग भी करता है।
- कटौतियां और छूट: धारा 80C से 80U तक के तहत विभिन्न कटौतियों का दावा इस फॉर्म में किया जा सकता है।
- व्यवसाय और पेशे की रिपोर्टिंग: इसमें व्यवसाय और पेशे से संबंधित विभिन्न व्यय, निवेश और अन्य वित्तीय गतिविधियों का विवरण शामिल होता है।
ITR-6
ITR-6 फॉर्म का उपयोग कंपनियों द्वारा किया जाता है जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं। इसमें कंपनियों की आय और व्यय की विस्तृत जानकारी शामिल होती
धारा 11 क्या है?
( धारा 11 आयकर विधेयक का हिस्सा है जो कंपनियों को छूट प्रदान करता है। इसे उन कंपनियों के लिए आवश्यक माना जाता है जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करती हैं:
कारोबारिक गतिविधियाँ: कंपनी को नियमित और व्यवसायिक गतिविधियों में व्यस्त रहना चाहिए। यह दिखाता है कि कंपनी वास्तव में व्यापारिक उद्देश्यों के लिए स्थापित की गई है।
उद्यमिता का पारदर्शिता: कंपनी को अपनी वित्तीय स्थिति को स्पष्टता से प्रस्तुत करनी चाहिए। यह आयकर विभाग को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कंपनी अपने कारोबार को व्यवस्थित तरीके से चला रही है।
अधिकृत प्रमुख की आवश्यकता: कंपनी के प्रमुख की नियुक्ति और उनकी नियमित उपस्थिति की आवश्यकता होती है। यह दिखाता है कि कंपनी का प्रबंधन संवेदनशील है और वह अपने धार्मिक और वित्तीय दायित्वों को सही तरीके से निर्वहन करती है।
धारा 11 के अंतर्गत छूट का दावा करने वाली कंपनियों को ITR-6 फॉर्म भरना होता है। इसमें कंपनी की आय और व्यय की विस्तृत जानकारी होती है जो कंपनी के वित्तीय स्थिति को समझने में मदद करती है।
उदाहरण के रूप में, एक स्वयंसेवी कंपनी है जो नई तकनीकों का अनुसंधान और विकास करती है। इस कंपनी के पास विशेषज्ञ टीम है जो नई और नवाचारी उत्पादों की खोज करती है और उन्हें विपणन के लिए तैयार करती है। धारा 11 के अंतर्गत, यह कंपनी छूट का दावा नहीं कर सकती है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य व्यापारिक है,
ITR-6 फॉर्म का उपयोग उन कंपनियों द्वारा किया जाता है जो आयकर अधिनियम की धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं। यह फॉर्म कंपनियों की आय और व्यय की विस्तृत जानकारी शामिल करता है और इसे सही तरीके से भरने पर कंपनियां अपनी कर देनदारी को सटीक रूप से रिपोर्ट कर सकती हैं। )
ITR-6 फॉर्म का उपयोग कौन कर सकता है?
ITR-6 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा किया जा सकता है:
- कंपनियां: सभी प्रकार की कंपनियां जैसे प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, आदि जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करतीं।
- कॉर्पोरेट संस्थाएं: जिनका पंजीकरण कंपनी अधिनियम के तहत हुआ है और जो धारा 11 के तहत छूट प्राप्त नहीं करतीं।
ITR-6 फॉर्म का उपयोग कौन नहीं कर सकता?
ITR-6 फॉर्म का उपयोग निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा नहीं किया जा सकता:
- धारा 11 के तहत छूट प्राप्त करने वाली संस्थाएं: जैसे धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्ट जो अपनी आय पर छूट का दावा करते हैं।
- व्यक्तिगत करदाता और HUFs: जो अन्य ITR फॉर्मों का उपयोग करते हैं।
ITR-6 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- आय का स्रोत: यह फॉर्म कंपनियों की विभिन्न आय स्रोतों जैसे व्यवसाय की आय, पूंजीगत लाभ, अन्य स्रोतों से आय, आदि की रिपोर्टिंग करता है।
- व्यय और कटौतियां: इसमें कंपनियों के व्यय, कटौतियां, और कर के अधीन आय का विवरण होता है।
- निवेश और छूट: विभिन्न निवेश और छूटों का विवरण भी इस फॉर्म में शामिल किया जाता है।
- वित्तीय विवरण: इसमें कंपनियों के वित्तीय विवरण जैसे बैलेंस शीट, लाभ और हानि खाता, आदि का विवरण होता है।
- अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन: यदि कंपनी के पास अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन हैं, तो उनका विवरण भी इस फॉर्म में शामिल किया जाता है।
ITR-7
ITR-7 फॉर्म का उपयोग उन संगठनों द्वारा किया जाता है जो धारा 139(4A), 139(4B), 139(4C), या 139(4D) के तहत रिटर्न दाखिल करने के पात्र होते हैं। इसमें धर्मार्थ ट्रस्ट, राजनीतिक दल, अनुसंधान संस्थान, और अन्य विशिष्ट संगठनों की रिपोर्टिंग होती है। यह फॉर्म वे संगठनों के लिए है जो कमार्चारी या व्यवसायिक गतिविधि नहीं करते हैं, लेकिन उनका आय किसी अन्य श्रेणी में आता है।
ITR-7 फॉर्म के पात्र व्यक्तियों कौन-कौन हैं?
- धर्मार्थ ट्रस्ट: आध्यात्मिक, सामाजिक, या अन्य धार्मिक कार्यों के लिए स्थापित संगठन।
- राजनीतिक दल: पार्टी या संगठन जो राजनीतिक कार्यों में शामिल होता है।
- अनुसंधान संस्थान: विज्ञान, तकनीक, या सामाजिक क्षेत्रों में अनुसंधान करने वाला संगठन।
- अन्य विशिष्ट संगठन: किसी विशेष क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाले संगठन।
ITR-7 फॉर्म के महत्वपूर्ण बिंदु
- संगठन की विस्तृत जानकारी: संगठन के पंजीकरण और विवरण की रिपोर्टिंग।
- आय का स्रोत: संगठन की आय के स्रोतों की विस्तृत रिपोर्टिंग।
- व्यय और कटौतियां: संगठन के व्यय और कटौतियों का विवरण।
- अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन: यदि संगठन के पास अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन हैं, तो उनका विवरण भी इस फॉर्म में शामिल किया जाता है।

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